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रद करें डाउनलोड शेर

नअत

1829 -1900

दाग़ देहलवी के समकालीन। अपनी ग़ज़ल ' सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता ' के लिए प्रसिद्ध हैं।

1908 -1979

मशहूर शायर जोश मलसियानी के पुत्र

1837 -1914

उर्दू आलोचना के संस्थापकों में शामिल/महत्वपूर्ण पूर्वाधुनिक शायर/मिजऱ्ा ग़ालिब की जीवनी ‘यादगार-ए-ग़ालिब लिखने के लिए प्रसिद्ध

1901 -1963

प्रसिद्ध शायर, रूमान और सामाजिक चेतना की नज़्में,ग़ज़लें और रुबाईयाँ कहीं

1873 -1951

प्रख्यात पूर्व-आधुनिक शायर, जिगर मुरादाबादी के समकालीन।

1834 -1917

सूफ़ियाना विचारधारा के लोकप्रिय शायर

1943

पाकिस्तान में अग्रणी शायरों में शामिल, अपनी सांस्कृतिक रूमानियत के लिए मशहूर।

1919 -1999

लोकप्रिय शायर, फिल्मी गीत भी लिखे।

1918 -2004

महत्वपूर्ण उर्दू स्कालर और शायर , पाकिस्तान का पहला राष्ट्रगान लिखा

1890 -1960

सबसे प्रमुख पूर्वाधुनिक शायरों में शामिल अत्याधिक लोकप्रियता के लिए विख्यात

1831 -1905

उर्दू के सबसे लोकप्रिय शायरों में शामिल। शायरी में चुस्ती , शोख़ी और मुहावरों के इस्तेमाल के लिए प्रसिद्ध

1875 -1959

प्रसिद्ध शायर, अमीर मीनाई के शागिर्द. ‘दर्द-ए-दिल’ नामक उपन्यास भी लिखा

1878 -1962

अपने बेबाक लहजे के लिए विख्यात / ‘दाग़’ दहलवी के शागिर्द

1863 -1955

दाग़ देहलवी के शिष्य

1900 -1974

नात, ग़ज़ल और भजन के ख़ास रंगों के मशहूर शायर । उनकी मशहूर ग़ज़ल ' ए जज़्बा-ए-दिल गर मैं चाहूँ ' को कई गायकों ने आवाज़ दी है

1747 -1824

18वीं सदी के बड़े शायरों में शामिल, मीर तक़ी 'मीर' के समकालीन।

1906 -1978

शायर, संपादक व फ़िल्मी गीतकार

1723 -1810

उर्दू के पहले बड़े शायर जिन्हें 'ख़ुदा-ए-सुख़न' (शायरी का ख़ुदा) कहा जाता है

1717 -1786

प्रमुख मर्सिया-निगार। मसनवी ‘सहर-उल-बयान’ के लिए विख्यात

1878 -1931

भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के महत्वपूर्ण नेता।

1853 -1934

शराब पर शायरी के लिए प्रसिध्द , जब कि कहा जाता है कि उन्हों ने शराब को कभी हाथ नहीं लगाया।

1916 -1970

प्रसिद्ध फ़िल्म गीतकार और शायर

1985

नई नस्ल के महत्वपूर्ण शायर।

1859 -1908

मौलाना अहमद रज़ा ख़ान के भाई, दाग़ देहलवी के शिष्य

1878 -1951

स्वतंत्रता सेनानी और संविधान सभा के सदस्य। ' इंक़िलाब ज़िन्दाबाद ' का नारा दिया। कृष्ण भक्त , अपनी ग़ज़ल ' चुपके चुपके, रात दिन आँसू बहाना याद है ' के लिए प्रसिद्ध

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