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अमर बेल: इस्मत चुग़ताई

इस्मत चुग़ताई उर्दू

का बहुत बड़ा और अहम नाम है। जिन्होंने ने बेशुमार मशहूर कहानियाँ लिखी हैं। जिनमें " लिहाफ़ " और " चौथी का जोड़ा " जैसी कहानियाँ शामिल हैं आज हम अपने पढ़ने वालों के लिए इस्मत चुग़ताई की एक और मशहूर कहानी " अमर बेल " ले कर हाज़िर हुए है। इसे पढ़िए और हमें कॉमेंट बॉक्स में बताएँ कि कहानी कैसी लगी।

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अमर बेल

पहली बीवी की मौत के बाद एक बीस साला लड़की से शादी कर के शराफ़त भाई की तो ज़िंदगी ही बदल गई थी। वक़्त काफ़ी हँसी-ख़ुशी बीत रहा था। मगर बीतते वक़्त के साथ उनकी उम्र भी ढ़ल रही थी। दूसरी तरफ़ रुख़्साना बेगम थीं, उनकी उम्र तो नहीं ढ़ल रही थी, बल्कि ख़ूबसूरती थी कि बढ़ती ही जाती थी। शराफ़त भाई धीरे-धीरे क़ब्र की ओर चल दिए और रुख़्साना बेगम उसी हिसाब से हसीन से हसीनतर होती गई। शराफ़त के लिए वह एक ऐसी अमर बेल साबित हुई जो ख़ुद तो फलती-फूलती है, लेकिन जिसके सहारे चढ़ती है उसे पूरी तरह सूखा देती है।

इस्मत चुग़ताई

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

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