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Gopi Chand Narang's Photo'

गोपी चंद नारंग

1931 - 2022 | दिल्ली, भारत

श्रेष्ठ आलोचक और विद्वान, उर्दू में उत्तर आधुनिकता की साहित्यिक प्रवृत्ति से परिचय कराने के लिए प्रसिद्ध

श्रेष्ठ आलोचक और विद्वान, उर्दू में उत्तर आधुनिकता की साहित्यिक प्रवृत्ति से परिचय कराने के लिए प्रसिद्ध

गोपी चंद नारंग का परिचय

मूल नाम : गोपी चंद नारंग

जन्म : 11 Feb 1931 | दुक्की, बलूचिस्तान

निधन : 15 Jun 2022 | संयुक्त राज्य अमेरिका

LCCN :n82001598

पुरस्कार : पद्मश्री अवार्ड(1990) | इक़बाल सम्मान अवार्ड(2011) | पद्म भूषण अवार्ड(2004) | साहित्य अकादमी अवार्ड(1995) | सितारा-ए-इम्तियाज़(2012)

गोपी चंद नारंग उर्दू के एक बड़े आलोचक,विचारक और भाषाविद हैं। एक अदीब, नक़्क़ाद, स्कालर और प्रोफ़ेसर के रूप में वो हिंदुस्तान और पाकिस्तान दोनों मुल्कों में समान रूप से लोकप्रिय हैं। गोपी चंद नारंग के नाम यह अनोखा रिकॉर्ड है कि उन्हें पाकिस्तान सरकार की तरफ़ से प्रसिद्ध नागरिक सम्मान सितारा ए इम्तियाज़ और भारत सरकार की ओर से पद्मभूषण और पद्मश्री जैसे प्रतिष्ठित नागरिक सम्मानों से नवाज़ा गया है। उनकी साहित्यिक सेवाओं के लिए उन्हें और भी कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित किया गया है। जिनमें इटली का मिज़ीनी गोल्ड मेडल, शिकागो का अमीर खुसरो अवार्ड, ग़ालिब अवार्ड, कैनेडियन एकेडमी ऑफ उर्दू लैंग्वेज एंड लिटरेचर अवार्ड और यूरोपीय उर्दू राइटर्स अवार्ड शामिल हैं। वह साहित्य अकादेमी के प्रतिष्ठित पुरस्कार से भी सम्मानित थे तथा साहित्य अकादेमी के फ़ेलो थे।
नारंग ने उर्दू के अलावा हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं में भी किताबें लिखी हैं। उनकी गिनती उर्दू के प्रबल समर्थकों में की जाती है। वो इस हक़ीक़त पर अफ़सोस करते हैं कि उर्दू ज़बान सियासत का शिकार रही है। उनका मानना है कि उर्दू की जड़ें हिंदुस्तान में हैं और हिंदी दर असल उर्दू ज़बान की बहन है।

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