हामिद इक़बाल सिद्दीक़ी
ग़ज़ल 10
नज़्म 1
अशआर 2
बेबसी से नजात मिल जाए
फिर सवाल-ओ-जवाब कर लेना
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तुम अपने ख़्वाब बचा कर रक्खो कि कल दुनिया
तुम्हारी आँख में झाँके तो ज़िंदगी देखे
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