उपनाम : 'मख़दूम'
मूल नाम : अबू सईद मोहम्मद मख़दूम मुहिउद्दीन हज़री
जन्म : 02 Feb 1908 | मेडक, तिलंगाना
निधन : 25 Aug 1969 | दिल्ली, भारत
पुरस्कार :
साहित्य अकादमी अवार्ड(1969)
हयात ले के चलो काएनात ले के चलो
चलो तो सारे ज़माने को साथ ले के चलो
मख़्दूम मोहीउद्दीन, अबू सईद मोहम्मद मख़्दूम मोहीउद्दीन हज़री (1908-1969) प्रगतिशील आन्दोलन से संबंधित प्रमुखतम शाइरों में शामिल, जिन्होंने क्राँतिकारी विचारों और रूमानियत के मेल से दिमाग़ और दिल दोनों का छूने वाली शैली पैदा की और लोकप्रियता का एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। हैदरबाद के एक मज़हबी घराने में जन्म। उस्मानिया युनिवर्सिटी में उर्दू के लेक्चरर रहे। कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल होने के कारण नौकरी छोड़नी पड़ी। जेल गए और विधायक चुने गए। उन के कई प्रेम-प्रसंग मशहूर हैं। उन की शाइरी फ़िल्मों में भी इस्तेमाल की गई।