aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम ",neV"
मकतबा जामिया लिमिटेड, नई दिल्ली
पर्काशक
डायरेक्टर क़ौमी कौंसिल बरा-ए-फ़रोग़-ए-उर्दू ज़बान, नई दिल्ली
ग़ालिब इंस्टिट्यूट, नई दिल्ली
तरक़्क़ी उर्दू ब्यूरो, नई दिल्ली
लेखक
मक्तबा पयाम-ए-तालीम, नई दिल्ली
संपादक
इस्लामिक बुक फ़ाउंडेशन, नई दिल्ली
सेनट्रल कौंसिल फॉर रिसर्च इन यूनानी मेडीसिन, नई दिल्ली
शाह वली-उल्लाह इंस्टिट्यूट, नई दिल्ली
आमिर किताब घर बटला हाउस, नई दिल्ली
राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद्, नई दिल्ली
प्रथम बुकस, नई दिल्ली
नटराज प्रिंटर्स एण्ड पब्लिशर्स, नई दिल्ली
एम. आर. पब्लिकेशंस, नई दिल्ली
तरक़्क़ी उर्दू बोर्ड, नई दिल्ली
एतिक़ाद पब्लिशिंग हाउस, नई दिल्ली
मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँगमैं ने समझा था कि तू है तो दरख़्शाँ है हयात
आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखाकश्ती के मुसाफ़िर ने समुंदर नहीं देखा
जो गुज़ारी न जा सकी हम सेहम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है
इक फ़ुर्सत-ए-गुनाह मिली वो भी चार दिनदेखे हैं हम ने हौसले पर्वरदिगार के
किया था अह्द जब लम्हों में हम नेतो सारी उम्र ईफ़ा क्यूँ करें हम
नए साल की आमद को लोग एक जश्न के तौर पर मनाते हैं। ये एक साल को अलविदा कह कर दूसरे साल को इस्तिक़बाल करने का मौक़ा होता है। ये ज़िंदगी के गुज़रने और फ़ना की तरफ़ बढ़ने के एहसास को भूल कर एक लमहाती सरशारी में महवे हो जाता है। नए साल की आमद से वाबस्ता और भी कई फ़िक्री और जज़्बाती रवय्ये हैं, हमारा ये इंतिख़ाब इन सब पर मुश्तमिल है।
क्या आप ग़ज़ल की दुनिया में नए हैं और इस दुनिया को क़रीब से देखना चाहते हैं ? क्या आपको ऐसी ग़ज़लें पढनी हैं, जो सीधे आपके दिल तक पहुँचे? तो यहाँ हम चंद ऐसी ग़ज़लें ला रहे हैं, जिसे पढ़ कर आप एहसास की नै दुनिया में दाख़िल होंगे |
नयी नज़्म को विषयगत और शैली के लिहाज़ से समृद्ध करने में मुख्य भूमिका निभाई
Dars-e-Balaghat
भाषा
Shumara Number-007
यूसुफ़ देहलवी
Jul 1950शमा, नई दिल्ली
Shumara Number-008
इर्तिज़ा करीम
Aug 2015उर्दू दुनिया, नई दिल्ली
Shumara Number-149
अब्दुल वहीद सिद्दीक़ी
Dec 1978हुमा, नई दिल्ली
Shumara Number-133
Aug 1977हुमा, नई दिल्ली
Shumara Number-268
ख़ालिद मुस्तफ़ा सिद्दीक़ी
हुमा, नई दिल्ली
Salnama
मुमताज फ़ाख़िरा मुजीब
फ़िक्र-ए-नौ, नई दिल्ली
Shumara Number-004
ख़्वाजा मोहम्मद इकरामुद्दीन
Apr 2015उर्दू दुनिया, नई दिल्ली
12 years in Constructing a New Iran 1953-1964
सेनेटर अशरफ़ अहमदी
विश्व इतिहास
Shumara Number-261
A New Approch To Iqbal
मोहम्मद हसन
ख़्वाजा हसन सानी निज़ामी
Apr 1973मुनादी, नई दिल्ली
Shumara Number-000
अतहर फ़ारूक़ी
Jul 2002किताब नुमा, नई दिल्ली
Shumara Number-033
Mar 1969हुमा, नई दिल्ली
इश्क़ ने 'ग़ालिब' निकम्मा कर दियावर्ना हम भी आदमी थे काम के
मैं ने माना कि कुछ नहीं 'ग़ालिब'मुफ़्त हाथ आए तो बुरा क्या है
फिर आख़िर तंग आ कर हम नेदोनों को अधूरा छोड़ दिया
ناول نگاری کافی دنوں تک اعتبار فن سے محروم رہی لیکن بورژوا نظام کے عروج نے اس کے آرٹ کی حصار بندی کی۔ ناول اور حقیقت نگاری کے ضمن میں لکھتے ہوئے رالف فاکس نے اس طرف بھی خاصی توجہ دی ہے۔ فن ناول نگاری کو موجودہ صورت و سیرت...
(۳۵) Sadiq-ur-Rahman Kidwai: Gilchrist and the “Language of Hindoostan”, New Delhi. Rachna Prakashan. 1972. Pp.31-32 (۳۶) Sir George Abraham Grierson: Linguistic Survey of India, Vol. IX, Part I, Calcutta, Superintendent, Government Printing, India, 1916, p.44...
ड्राइंग रुम का दरवाज़ा खुला था। ताहिरा गैलरी में खड़ी थी। यहां उनका डोर प्लांट, दीवारों के साथ सजे थे। फ़र्श पर ईरानी क़ालीन के टुकड़े थे। दीवार पर आराइशी आईना नस्ब था। लम्हा भर को उस आईने में ताहिरा ने झांक कर देखा। अपने बाल दुरुस्त किए और खुले...
ان دو اصولوں پر میں شروع سے کاربند رہا ہوں: ایک تو یہ کہ ہمارا کلاسیکی ادب اب بھی بامعنی ہے، اور دوسرا یہ جدید اور قدیم ایک دوسرے کی تنسیخ نہیں، بلکہ تکمیل کرتے ہیں۔ کسی کے بارے میں یہ کہنا (جیسا کہ عسکری صاحب کے بارے میں کہا...
लौरेंस के यहाँ हवास की तहारत को क़ाइम रखने की इस लगन ने एक सूफ़ियाना इस्तिग़राक़ की कैफ़ियत पैदा कर दी थी। वो किसी राहिब की मिसाल अपनी ख़ल्वतों के सन्नाटे में मुतय्यन और मलूल कश्फ़ के उन लम्हों का मुंतज़िर रहता था जो उस तक जिस्म की रूहानियत के...
(۸) پلیٹس کی ڈکشنری (۱۸۸۴ء) کا پورا عنوان لائق لحاظ ہے: A Dictionary of Urdu, Classical Hindi, and English. چند ہی برس پہلے فیلن نے اپنی ڈکشنری (۱۸۷۹ء) کا نا م رکھا تھا A New Hindustani English Dictionary۔ پلیٹس نے ۱۸۷۴ء میں جب اپنی گرامر لکھی تو دونوں طرف اپنے...
’’بڑے گھر کی بیٹی‘‘ کا جو تجزیہ ابھی پیش کیا گیا تھا اسے آپ تانیثی کہیں یا، ’’ثقافتی مطالعات‘‘ کی مثال کہہ لیں، زیر بحث افسانے کی حد تک ایک ہی رہےگی۔ ’’ثقافتی مطالعات‘‘ کو انگلستان میں Culture Studies کہتے ہیں۔ ریمنڈولیمز (Raymond Williams) نے مارکس کا لحاظ رکھتے ہوئے...
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