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नज़्म
वक़्त-ए-मुरव्वत
फ़ज़ा-ए-चर्ख़ में दौड़ी हुई थी रूह-ए-ज़ुहूर
बिसात-ए-ख़ाक पे छाया हुआ था रंग-ए-नुमूद
जोश मलीहाबादी
नज़्म
आह-ए-ना-तमाम
शाम-ए-ग़म उफ़ ज़िंदगी थी मेरी घबराई हुई
मेरी हस्ती पर फ़ज़ा-ए-यास थी छाई हुई
शाहिद सागरी
नज़्म
तलाश-ए-महबूब
किसी ने मुझ से कहा तू चमन में रहता है
गुलों की महकी हुई अंजुमन में रहता है
सलाम संदेलवी
नज़्म
उर्दू
फ़रोग़-ए-चश्म है तस्कीन-ए-दिल है बे-गुमाँ उर्दू
हर इक आलम में है गोया बहार-ए-गुल-फ़िशाँ उर्दू
अलम मुज़फ़्फ़र नगरी
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ग़ज़ल
घड़ी भर रंग निखरा सूरत-ए-गुल-हा-ए-तर मेरा
उसी हस्ती पे उस गुलशन में था ये शोर-ओ-शर मेरा
मोहम्मद यूसुफ़ रासिख़
नज़्म
चाँद
करोड़ों साल से तू देखता है दुनिया को
ज़मीं के बहर-ओ-बयाबाँ को दश्त-ओ-दरिया को