aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "ہونٹ"
औन अब्बास औन
शायर
ल्योनार्ड चारमर्स-हंट
लेखक
औन अहमद क़ादरी
शाह औ’न अहमद
died.1998
एच अर्निस्ट हन्ट
रूथ इसपेनिस अर्नट
नादिर-ए-सिकरेटरी, औरंगाबाद
पर्काशक
रामीज पब्लिकेशन, औरंगाबाद
औनेस्ट प्रिंटर्स, भोपाल
पेज अरन्ट
तू ने देखी है वो पेशानी वो रुख़्सार वो होंटज़िंदगी जिन के तसव्वुर में लुटा दी हम ने
उस के होंटों पे रख के होंट अपनेबात ही हम तमाम कर रहे हैं
मैं जब सो जाऊँ इन आँखों पे अपने होंट रख देनायक़ीं आ जाएगा पलकों तले भी दिल धड़कता है
तिरे हाथ से मेरे होंट तक वही इंतिज़ार की प्यास हैमिरे नाम की जो शराब थी कहीं रास्ते में छलक गई
कुलवंत कौर भरे भरे हाथ पैरों वाली औरत थी। चौड़े चकले कूल्हे, थल-थल करने वाले गोश्त से भरपूर कुछ बहुत ही ज़्यादा ऊपर को उठा हुआ सीना, तेज़ आँखें। बालाई होंट पर बालों का सुरमई गुबार, ठोढ़ी की साख़्त से पता चलता था कि बड़े धड़ल्ले की औरत है। ईशर...
मंशी नवल किशोर ने 1857 के गदर के बाद भारत की संस्कृति और साहित्यिक धरोहर को सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके प्रेस ने 1858 से 1950 तक धर्म, इतिहास, साहित्य, विज्ञान और दर्शन पर लगभग छह हजार किताबें प्रकाशित की। रेख़ता पर मंशी नवल किशोर प्रेस की किताबों का एक क़ीमती संग्रह उपलब्ध है।
फ़िल्म और अदब में हमेशा से एक गहरा तअल्लुक़ रहा है ,अगर बात हिन्दुस्तानी फ़िल्मों की हो तो उनमें इस्तिमाल होने वाली ज़बान, डायलॉगज़ , स्क्रीन राईटिंग और नग़मो में उर्दू का हमेशा से बोल-बाला रहा है जो अब तक जारी है। आज इस कलेक्शन में हमने राजा मेहदी ख़ान के कुछ मशहूर नग़्मों को शामिल किया है । पढ़िए और क्लासिकल गानों का लुत्फ़ लीजिए।
हम हुस्न को देख सकते हैं, महसूस कर सकते हैं इस से लुत्फ़ उठा सकते हैं लेकिन इस का बयान आसान नहीं। हमारा ये शेरी इन्तिख़ाब हुस्न देख कर पैदा होने वाले आपके एहसासात की तस्वीर गिरी है। आप देखेंगे कि शाइरों ने कितने अछूते और नए नए ढंग से हसन और इस की मुख़्तलिफ़ सूरतों को बयान किया। हमारा ये इन्तिख़ाब आपको हुस्न को एक बड़े और कुशादा कैनवस पर देखने का अहल भी बनाएगा। आप उसे पढ़िए और हुस्न-परस्तों में आम कीजिए।
होंटہونٹ
lips
Pareshaan Hona Chhodiye Jeena Shuru Kijiye
डेल कार्नेगी
मनोविज्ञान
आसमां होने को था
अखिलेश तिवारी
ग़ज़ल
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होश बिलग्रामी
आत्मकथा
Sarguzisht
ज़ुल्फ़िक़ार अली बुख़ारी
Daant Hamare Hont Tumhare
रमेश मंत्री
हास्य-व्यंग
Pareshan Hona Chhod Dein
सहर होने तक
नॉवेल / उपन्यास
Angrezi Istilahon Aur Muhavaron Ki Jadeed Sahafati Farhang
सैय्यद राशिद अशरफ़
शब्द-कोश
Khun Baha
हकीम अहमद शुजा
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यूसुफ़ हुसैन ख़ाँ
भारत का इतिहास
Kan Khule Hont Sile
हमीद अकबर
अफ़साना
पत्थर के होंट
गुलशन नन्दा
Talib Ilm Ki Zindagi Ka Kya Maqsad Hona Chahiye
ख़्वाजा ग़ुलामुस्सक़लैन
व्याख्यान
Udas Hone Ke Din Nahin Hain
नोशी गिलानी
काव्य संग्रह
Vedic Dharm Aur Islam
सय्यद अख़्लाक़ हुसैन देहलवी
सांप्रदायिक सौहार्द्र
शौक़ है इस दिल-ए-दरिंदा कोआप के होंट काट खाने का
वो दिल में खुबने वाली आँखें क्या हुईंवो होंट मुस्कुराने वाले क्या हुए
क्यूँ परखते हो सवालों से जवाबों को 'अदीम'होंट अच्छे हों तो समझो कि सवाल अच्छा है
क्या है जो हो गया हूँ मैं थोड़ा बहुत ख़राबथोड़ा बहुत ख़राब तो होना भी चाहिए
सिर्फ़ उस के होंट काग़ज़ पर बना देता हूँ मैंख़ुद बना लेती है होंटों पर हँसी अपनी जगह
तुझ सा कोई जहान में नाज़ुक-बदन कहाँये पंखुड़ी से होंट ये गुल सा बदन कहाँ
चेहरा देखें तेरे होंट और पलकें देखेंदिल पे आँखें रक्खें तेरी साँसें देखें
बोले हुसैन हम तो हैं इस बात पर ख़फ़ानाना ने चूमे भाई के होंट और मिरा गला
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