आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "कफ़-ए-ख़ाक"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "कफ़-ए-ख़ाक"
रुबाई
हर चीज़ मुक़य्यद है किसी के दिल में
दिल टूटे तो जाँ नक़्श-ए-कफ़-ए-ख़ाक में आए
शम्सुर रहमान फ़ारूक़ी
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "कफ़-ए-ख़ाक"
अन्य परिणाम "कफ़-ए-ख़ाक"
नज़्म
मस्जिद-ए-क़ुर्तुबा
अर्श-ए-मोअल्ला से कम सीना-ए-आदम नहीं
गरचे कफ़-ए-ख़ाक की हद है सिपहर-ए-कबूद
अल्लामा इक़बाल
ग़ज़ल
है कफ़-ए-ख़ाक मिरी बस-कि तब-ए-इश्क़ से गर्म
पाँव वाँ जिस का पड़े आबला-पा होता है
ताबाँ अब्दुल हई
तंज़-ओ-मज़ाह
हाली: क़मरी कफ़-ए-ख़ाकसतर-ओ-बुलबुल क़फ़स-ए-रंग ऐ नाला-ए-निशान-ए-जिगर सोख़्ता क्या है...