आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "शिकवे"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "शिकवे"
नज़्म
जवाब-ए-शिकवा
कुछ जो समझा मिरे शिकवे को तो रिज़वाँ समझा
मुझ को जन्नत से निकाला हुआ इंसाँ समझा
अल्लामा इक़बाल
ग़ज़ल
सबा अकबराबादी
शेर
हफ़ीज़ जालंधरी
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "शिकवे"
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
पुस्तकें के संबंधित परिणाम "शिकवे"
अन्य परिणाम "शिकवे"
शेर
मुज़्तर ख़ैराबादी
ग़ज़ल
अब नहीं ताब-ए-सिपास-ए-हुस्न इस दिल को जिसे
बे-क़रार-ए-शिकव-ए-बेजा समझ बैठे थे हम
फ़िराक़ गोरखपुरी
ग़ज़ल
तो क्या सारे गिले-शिकवे अभी कर लोगे मुझ से
कुछ अब कल के लिए रक्खो मुझे नींद आ रही है
मोहसिन असरार
ग़ज़ल
हफ़ीज़ जालंधरी
ग़ज़ल
गिले शिकवे कहाँ तक होंगे आधी रात तो गुज़री
परेशाँ तुम भी होते हो परेशाँ हम भी होते हैं
दाग़ देहलवी
शेर
सिर्फ़ शिकवे दिख रहे हैं ये नहीं दिखता तुझे
तुझ से शिकवे रखने वाला तेरा दीवाना भी है