aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
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सय्यद शाह इब्राहीम अफ़
लेखक
आभा त्रिपाठी
सितारों से आगे जहाँ और भी हैंअभी इश्क़ के इम्तिहाँ और भी हैं
मुझ को चलने दो अकेला है अभी मेरा सफ़ररास्ता रोका गया तो क़ाफ़िला हो जाऊँगा
अभी राह में कई मोड़ हैं कोई आएगा कोई जाएगातुम्हें जिस ने दिल से भुला दिया उसे भूलने की दुआ करो
सैकड़ों नख़्ल हैं काहीदा भी बालीदा भी हैंसैकड़ों बत्न-ए-चमन में अभी पोशीदा भी हैं
लोकप्रिय रूमानी शायर , मलिका पुखराज ने उनकी नज़्म ' अभी तो मैं जवान हूँ ' , को गा कर प्रसिध्दि दी। पाकिस्तान का राष्ट्रगान लिखा।
बहावبہاؤ
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भावبھاؤ
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अभी तुम इश्क़ में हो
पंकज सुबीर
2018संकलन
अभी सुन लो मुझ से
कलीम आजिज़
1992आत्मकथा
Abhi Nahin ! Kabhi Nahin !
इदरीस सिद्दीक़ी
2012कहानी
Abhi Hum Tumharay Hain
अलमास शबी
2012महिलाओं की रचनाएँ
Darwaza Abhi Band Hai
अहमद सग़ीर
2008नॉवेल / उपन्यास
Abhi Nao Na Bandho
कालीदास गुप्ता रज़ा
1999ग़ज़ल
Arya Abh Vine
दयानन्द सरसवती जी महाराज
1968शायरी
Abhi To Rat Hai
अनीस जावेद
2004
Kahani Abhi Khatam Nahin Hui Hai
2015अफ़साना
Abhi To Dard Baqi Hai
बशेशर प्रदीप
1994
Abhi Chand Nikla Nahin
नईम सबा
2011
Qindeel Abhi Raushan Hai
पी पी श्रीवास्तव रिंद
2014ग़ज़ल
Apne Ek Khawab Ko Dafna Ke Abhi Aya Hun
आदम अबुवाला
शाइरी
मध्यकालीन नारी भावना के परिप्रेक्ष्य में संत कावयित्रियों का योगदान
1998शोध
Dard Abhi Mehfooz Nahin
अनीस अंसारी
2008काव्य संग्रह
हमें भी नींद आ जाएगी हम भी सो ही जाएँगेअभी कुछ बे-क़रारी है सितारो तुम तो सो जाओ
बिछड़ते वक़्त उन आँखों में थी हमारी ग़ज़लग़ज़ल भी वो जो किसी को अभी सुनाई न थी
अभी कुछ और करिश्मे ग़ज़ल के देखते हैं'फ़राज़' अब ज़रा लहजा बदल के देखते हैं
है मौजज़न इक क़ुल्ज़ुम-ए-ख़ूँ काश यही होआता है अभी देखिए क्या क्या मिरे आगे
तुम्हारी याद में जीने की आरज़ू है अभीकुछ अपना हाल सँभालूँ अगर इजाज़त हो
उभरेंगे एक बार अभी दिल के वलवलेगो दब गए हैं बार-ए-ग़म-ए-ज़िंदगी से हम
न कहीं जहाँ में अमाँ मिली जो अमाँ मिली तो कहाँ मिलीमिरे जुर्म-ए-ख़ाना-ख़राब को तिरे अफ़्व-ए-बंदा-नवाज़ में
अभी इक शोर सा उठा है कहींकोई ख़ामोश हो गया है कहीं
दिल में इक लहर सी उठी है अभीकोई ताज़ा हवा चली है अभी
अभी इस तरफ़ न निगाह कर मैं ग़ज़ल की पलकें सँवार लूँमिरा लफ़्ज़ लफ़्ज़ हो आईना तुझे आइने में उतार लूँ
Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi
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