aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "khatraa"
ज्योती आज़ाद खतरी
शायर
राशिदुल ख़ैरी
1868 - 1936
लेखक
साइमा ख़ैरी
सुहैल शाद
born.1999
मौलवी सय्यद ख़ैरात हसन
अल्लामा राशिदुल ख़ैरी अकेडमी, कराची
ख़ैरात नदीम
1922 - 1989
सादिक़ुल ख़ैरी
died.1989
आसिफ़ ख़ैरी
संपादक
मुंशी नीम चंद खतरी
born.1830
मोहम्मद अतहरुल हक़ ख़ैरी
पर्काशक
अब्दुल क़ादिर खत्री
अब्दुल-ग़फ़्फ़ार अल-खैरी
मौलवी अबदुर्राशिद साहेब अल-खौरी देहलवी
मोहम्मद अब्दुर्रशीद अल-ख़ैरी
अब नहीं कोई बात ख़तरे कीअब सभी को सभी से ख़तरा है
लीडर जब आँसू बहा कर लोगों से कहते हैं कि मज़हब ख़तरे में है तो इसमें कोई हक़ीक़त नहीं होती। मज़हब ऐसी चीज़ ही नहीं कि ख़तरे में पड़ सके, अगर किसी बात का ख़तरा है तो वो लीडरों का है जो अपना उल्लू सीधा करने के लिए मज़हब को...
एक आँसू भी हुकूमत के लिए ख़तरा हैतुम ने देखा नहीं आँखों का समुंदर होना
ऐश-ए-उम्मीद ही से ख़तरा हैदिल को अब दिल-दही से ख़तरा है
क्या कहूँ जान को बचाने मैं'जौन' ख़तरा है जान जाने का
ख़तराخَطْرا
(अवामी) मन, विचार, ध्यान, बुद्धी
ख़तराخَطْرَہ
भय, डर, आशंका, अनिष्ट, संकट आदि की आशंका या संभावना से युक्त स्थिति
ख़ताخَتا
चीन का एक प्रदेश, चीन
ख़ताخَطا
किसी काम से रोकना, फल देना।
Udhar Khatra Hai
हुमायूँ इक़बाल
असली जवाहिर-ए-ख़मसा कामिल
शाह मोहम्मद गौस ग्वालियारी
सूफ़ीवाद / रहस्यवाद
Khair-e-Kaseer
शाह वलीउल्लाह मोहद्दिस देहलवी
इस्लामियात
Ek Qatra-e-Khoon
इस्मत चुग़ताई
ऐतिहासिक
Badshahat Ka Khatma
सआदत हसन मंटो
अफ़साना
एक क़तरा-ए-ख़ून
Lataif-e-Khamsa
ग़ुलाम अली
Sayyada Ka Lal
अामना का लाल
जीवनीपरक
Dilli Ki Akhiri Bahar
भारत का इतिहास
Qissa-e-Gul-o-Sanoobar
कहानी
Safarnama Mashriqi Pakistan
राज़िक़ुल ख़ैरी
सफ़र-नामा / यात्रा-वृतांत
Allama Rashid-ul-Khairi
नजमुस्सहर आज़मी
फ़िक्शन तन्क़ीद
Aalam-e-Niswan
लेख
कोई कहता था समुंदर हूँ मैंऔर मिरी जेब में क़तरा भी नहीं
एलान-ए-हक़ में ख़तरा-ए-दार-ओ-रसन तो हैलेकिन सवाल ये है कि दार-ओ-रसन के बा'द
आसमाँ ऐसा भी क्या ख़तरा था दिल की आग सेइतनी बारिश एक शोले को बुझाने के लिए
मेरा बे-साख़्ता-पन उन के लिए ख़तरा हैसाख़्ता लोग मुझे क्यूँ न मुसीबत समझें
आप के हँसने से ख़तरा और भी बढ़ जाएगाइस तरह तो और आँखों की नमी बढ़ जाएगी
हाथ आँखों पे रख लेने से ख़तरा नहीं जातादीवार से भौंचाल को रोका नहीं जाता
मैं कहूँ किस तरह ये बात उस सेतुझ को जानम मुझी से ख़तरा है
कम-हिम्मती ख़तरा है समुंदर के सफ़र मेंतूफ़ान को हम दोस्तो ख़तरा नहीं कहते
क्यूँ जान-ए-हज़ीं ख़तरा-ए-मौहूम से निकलेक्यूँ नाला-ए-हसरत दिल-ए-मग़्मूम से निकले
Jashn-e-Rekhta 10th Edition | 5-6-7 December Get Tickets Here
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books