aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "khushbu-e-yaar"
मचलती है मिरे आग़ोश में ख़ुशबू-ए-यार अब तकमिरी आँखों में है इस सेहर-ए-रंगीं का ख़ुमार अब तक
हर शजर को गले लगाते चलअक्स-ए-ख़ुशबू-ए-यार कर देखें
आज मौसम की नवाज़िश का हूँ मम्नून 'हबीब'ख़ुशबू-ए-यार लिए बाद-ए-रवाँ आई है
मोहब्बत की जो फैली है ये निकहत बाग़-ए-आलम मेंहुई है मुंतशिर ख़ुशबू-ए-यार आहिस्ता आहिस्ता
ख़्वाबों के गुलिस्ताँ की ख़ुश-बू-ए-दिल-आरा हैया सुब्ह-ए-तमन्ना के माथे का सितारा है
अब क़ुर्बत-ओ-सोहबत-ए-यार कहाँ लब ओ आरिज़ ओ ज़ुल्फ़ ओ कनार कहाँअब अपना भी 'मीर' सा आलम है टुक देख लिया जी शाद किया
पा-बोस-ए-यार की हमें हसरत है ऐ नसीमआहिस्ता आइओ तू हमारे मज़ार पर
आ मिरी जान आ एक से दो भलेआज फेरे करें कूचा-ए-यार के
सर-ए-राहे कभी-कभार सहीरस-भरी इक निगाह-ए-यार सही
जमाल-ए-यार से रौशन हुई मिरी दुनियावो चमकी दिल में किरन माहताब से पहले
मुहाल था कि हम ऐ 'जोश' ज़िंदा रह सकतेफ़िराक़-ए-यार में इक रोज़ मर गए हम भी
जाएँगे रोज़-ए-वस्ल के लम्हात की जगहख़ुशबू-ए-लम्स-ए-यार चुराएँगे आप भी
हर बार खींच लाई हमें ग़ैरत-ए-जुनूँसौ बार यूँ तो हम भी दर-ए-यार तक गए
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