aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "asar"
आह को चाहिए इक उम्र असर होते तककौन जीता है तिरी ज़ुल्फ़ के सर होते तक
दिल से जो बात निकलती है असर रखती हैपर नहीं ताक़त-ए-परवाज़ मगर रखती है
मेरी हर बात बे-असर ही रहीनक़्स है कुछ मिरे बयान में क्या
लोग कहते हैं मोहब्बत में असर होता हैकौन से शहर में होता है किधर होता है
इश्क़ की चोट का कुछ दिल पे असर हो तो सहीदर्द कम हो या ज़ियादा हो मगर हो तो सही
तुम्हारा हुस्न आराइश तुम्हारी सादगी ज़ेवरतुम्हें कोई ज़रूरत ही नहीं बनने सँवरने की
किस की तलाश है हमें किस के असर में हैंजब से चले हैं घर से मुसलसल सफ़र में हैं
मोहब्बत का तुम से असर क्या कहूँनज़र मिल गई दिल धड़कने लगा
माँगा करेंगे अब से दुआ हिज्र-ए-यार कीआख़िर तो दुश्मनी है असर को दुआ के साथ
मिरी आह का तुम असर देख लेनावो आएँगे थामे जिगर देख लेना
होती नहीं क़ुबूल दुआ तर्क-ए-इश्क़ कीदिल चाहता न हो तो ज़बाँ में असर कहाँ
क्या असर था जज़्बा-ए-ख़ामोश मेंख़ुद वो खिच कर आ गए आग़ोश में
क्या कहूँ किस तरह से जीता हूँग़म को खाता हूँ आँसू पीता हूँ
देखने आए थे वो अपनी मोहब्बत का असरकहने को ये है कि आए हैं अयादत कर के
मोहब्बत रही चार दिन ज़िंदगी मेंरहा चार दिन का असर ज़िंदगी भर
मैं ज़िंदगी की दुआ माँगने लगा हूँ बहुतजो हो सके तो दुआओं को बे-असर कर दे
इधर से आज वो गुज़रे तो मुँह फेरे हुए गुज़रेअब उन से भी हमारी बे-कसी देखी नहीं जाती
एक ही शय थी ब-अंदाज़-ए-दिगर माँगी थीमैं ने बीनाई नहीं तुझ से नज़र माँगी थी
असर भी ले रहा हूँ तेरी चुप कातुझे क़ाइल भी करता जा रहा हूँ
वो बड़ा रहीम ओ करीम है मुझे ये सिफ़त भी अता करेतुझे भूलने की दुआ करूँ तो मिरी दुआ में असर न हो
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