aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "یاری"
एक ही नद्दी के हैं ये दो किनारे दोस्तोदोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखो
ज़िक्र मेरा आएगा महफ़िल में जब जब दोस्तोरो पड़ेंगे याद कर के यार सब यारी मिरी
ज़मीन-ए-दिल पे मोहब्बत की आब-यारी कोबहुत ही टूट के बरसी घटा उदासी की
आता नहीं अदू से यारी मुझे निभानामिलता नहीं वो दिल से फिर हाथ क्या मिलाना
दुश्मनों से दोस्ती ग़ैरों से यारी चाहिएख़ाक के पुतले बने तो ख़ाकसारी चाहिए
ख़ता मैं ने कोई भारी नहीं कीअमीर-ए-शहर से यारी नहीं की
वो जो इक तोला कई माशा थी यारी तुम सेरत्ती भर भी न रहा इस में कुछ आसार कहीं
हम छनालों की छोड़ दी यारीनफ़्स को मार कर क्या मुर्दा
किसी ख़याल की सरशारी में जारी-ओ-सारी यारी मेंअपने-आप कोई आएगा और बन जाएगा मेहमान
मेरी आँखों का रात दिन रोनामेरे ख़्वाबों की आब-यारी है
ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होताअगर और जीते रहते यही इंतिज़ार होता
ज़िंदगी से यही गिला है मुझेतू बहुत देर से मिला है मुझे
बस इक झिजक है यही हाल-ए-दिल सुनाने मेंकि तेरा ज़िक्र भी आएगा इस फ़साने में
यारो कुछ तो ज़िक्र करो तुम उस की क़यामत बाँहों कावो जो सिमटते होंगे उन में वो तो मर जाते होंगे
कैसे आकाश में सूराख़ नहीं हो सकताएक पत्थर तो तबीअ'त से उछालो यारो
मेरी क़िस्मत में ग़म गर इतना थादिल भी या-रब कई दिए होते
अपने सब यार काम कर रहे हैंऔर हम हैं कि नाम कर रहे हैं
याद-ए-माज़ी 'अज़ाब है या-रबछीन ले मुझ से हाफ़िज़ा मेरा
अभी से पाँव के छाले न देखोअभी यारो सफ़र की इब्तिदा है
यही है ज़िंदगी कुछ ख़्वाब चंद उम्मीदेंइन्हीं खिलौनों से तुम भी बहल सको तो चलो
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