aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "इरादे"
इरादे बाँधता हूँ सोचता हूँ तोड़ देता हूँकहीं ऐसा न हो जाए कहीं ऐसा न हो जाए
मैं लौटने के इरादे से जा रहा हूँ मगरसफ़र सफ़र है मिरा इंतिज़ार मत करना
क्या इरादे हैं वहशत-ए-दिल केकिस से मिलना है ख़ाक में मिल के
'शुऊर' सिर्फ़ इरादे से कुछ नहीं होताअमल है शर्त इरादे सभी के होते हैं
जिन के मज़बूत इरादे बने पहचान उन कीमंज़िलें आप ही हो जाती हैं आसान उन की
अबस इल्ज़ाम मत दो मुश्किलात-ए-राह को 'राही'तुम्हारे ही इरादे में कमी मालूम होती है
क्या इज़्तिराब-ए-शौक़ ने मुझ को ख़जिल कियावो पूछते हैं कहिए इरादे कहाँ के हैं
पहाड़ भाँप रहा था मिरे इरादे कोवो इस लिए भी कि तेशा मुझे उठाना था
कभी उन को मिलती नहीं कोई मंज़िलबदलते हैं जो हर क़दम पर इरादे
बे-वज्ह न बदले थे मुसव्विर ने इरादेमैं उस के ख़यालात में पहले भी कहीं था
तालाब इरादे का भरे पल में लबालबजब यार के दरिया-ए-करम सूँ लहर आवे
इरादे फिर भी मुस्तहकम बहुत हैंमिरी राहों में पेच-ओ-ख़म बहुत हैं
बहुत नज़दीक आती जा रही होबिछड़ने का इरादा कर लिया क्या
बिछड़ने का इरादा है तो मुझ से मशवरा कर लोमोहब्बत में कोई भी फ़ैसला ज़ाती नहीं होता
था इरादा तिरी फ़रियाद करें हाकिम सेवो भी एे शोख़ तिरा चाहने वाला निकला
आज फिर मुझ से कहा दरिया नेक्या इरादा है बहा ले जाऊँ
इरादा तो नहीं है ख़ुद-कुशी कामगर मैं ज़िंदगी से ख़ुश नहीं हूँ
तुझे दानिस्ता महफ़िल में जो देखा हो तो मुजरिम हूँनज़र आख़िर नज़र है बे-इरादा उठ गई होगी
मुझ को दुश्मन के इरादों पे भी प्यार आता हैतिरी उल्फ़त ने मोहब्बत मिरी आदत कर दी
सुना है सच्ची हो नीयत तो राह खुलती हैचलो सफ़र न करें कम से कम इरादा करें
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