aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "हौसलों"
जिन हौसलों से मेरा जुनूँ मुतमइन न थावो हौसले ज़माने के मेयार हो गए
अपने अपने हौसलों अपनी तलब की बात हैचुन लिया हम ने उन्हें सारा जहाँ रहने दिया
तू मोहब्बत से कोई चाल तो चलहार जाने का हौसला है मुझे
मेरे टूटे हौसले के पर निकलते देख करउस ने दीवारों को अपनी और ऊँचा कर दिया
चलने का हौसला नहीं रुकना मुहाल कर दियाइश्क़ के इस सफ़र ने तो मुझ को निढाल कर दिया
हर एक बात को चुप-चाप क्यूँ सुना जाएकभी तो हौसला कर के नहीं कहा जाए
ये कह के दिल ने मिरे हौसले बढ़ाए हैंग़मों की धूप के आगे ख़ुशी के साए हैं
मैं आँधियों के पास तलाश-ए-सबा में हूँतुम मुझ से पूछते हो मिरा हौसला है क्या
इक फ़ुर्सत-ए-गुनाह मिली वो भी चार दिनदेखे हैं हम ने हौसले परवरदिगार के
जी बहुत चाहता है सच बोलेंक्या करें हौसला नहीं होता
चाहिए ख़ुद पे यक़ीन-ए-कामिलहौसला किस का बढ़ाता है कोई
वक़्त की गर्दिशों का ग़म न करोहौसले मुश्किलों में पलते हैं
हवा ख़फ़ा थी मगर इतनी संग-दिल भी न थीहमीं को शम्अ जलाने का हौसला न हुआ
वक़्त ख़ुश ख़ुश काटने का मशवरा देते हुएरो पड़ा वो आप मुझ को हौसला देते हुए
तुम हम-सफ़र हुए तो हुई ज़िंदगी अज़ीज़मुझ में तो ज़िंदगी का कोई हौसला न था
हिज्र को हौसला और वस्ल को फ़ुर्सत दरकारइक मोहब्बत के लिए एक जवानी कम है
दे हौसले की दाद के हम तेरे ग़म में आजबैठे हैं महफ़िलों को सजाए तिरे बग़ैर
हौसला है तो सफ़ीनों के अलम लहराओबहते दरिया तो चलेंगे इसी रफ़्तार के साथ
न जाने लोग ठहरते हैं वक़्त-ए-शाम कहाँहमें तो घर में भी रुकने का हौसला न हुआ
बुरा मत मान इतना हौसला अच्छा नहीं लगताये उठते बैठते ज़िक्र-ए-वफ़ा अच्छा नहीं लगता
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
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