आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "dil"
शेर के संबंधित परिणाम "dil"
शेर
हम को मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन
दिल के ख़ुश रखने को 'ग़ालिब' ये ख़याल अच्छा है
मिर्ज़ा ग़ालिब
शेर
दिल आबाद कहाँ रह पाए उस की याद भुला देने से
कमरा वीराँ हो जाता है इक तस्वीर हटा देने से
जलील ’आली’
शेर
तुम्हारा दिल मिरे दिल के बराबर हो नहीं सकता
वो शीशा हो नहीं सकता ये पत्थर हो नहीं सकता
दाग़ देहलवी
शेर
मिलाते हो उसी को ख़ाक में जो दिल से मिलता है
मिरी जाँ चाहने वाला बड़ी मुश्किल से मिलता है
दाग़ देहलवी
शेर
हम ने सीने से लगाया दिल न अपना बन सका
मुस्कुरा कर तुम ने देखा दिल तुम्हारा हो गया