आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "irshaad"
शेर के संबंधित परिणाम "irshaad"
शेर
क्या कहूँ कितना फ़ुज़ूँ है तेरे दीवाने का दुख
इक तरफ़ जाने का ग़म है इक तरफ़ आने का दुख
अरशद जमाल सारिम
शेर
बस इतना रब्त काफ़ी है मुझे ऐ भूलने वाले
तिरी सोई हुई आँखों में अक्सर जागता हूँ मैं
अरशद जमाल सारिम
शेर
ज़िंदगी तू भी हमें वैसे ही इक रोज़ गुज़ार
जिस तरह हम तुझे बरसों से गुज़ारे हुए हैं
अरशद जमाल सारिम
शेर
मुद्दतों आँखें वज़ू करती रहीं अश्कों से
तब कहीं जा के तिरी दीद के क़ाबिल हुआ मैं