aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "kasne"
तुम्हारी याद के जब ज़ख़्म भरने लगते हैंकिसी बहाने तुम्हें याद करने लगते हैं
क्या सितम है कि अब तिरी सूरतग़ौर करने पे याद आती है
जो कहा मैं ने कि प्यार आता है मुझ को तुम परहँस के कहने लगा और आप को आता क्या है
मोहब्बत करने वाले कम न होंगेतिरी महफ़िल में लेकिन हम न होंगे
झुक कर सलाम करने में क्या हर्ज है मगरसर इतना मत झुकाओ कि दस्तार गिर पड़े
कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँउन से कितना कुछ कहने की कोशिश की
क्या तकल्लुफ़ करें ये कहने मेंजो भी ख़ुश है हम उस से जलते हैं
नहीं तेरा नशेमन क़स्र-ए-सुल्तानी के गुम्बद परतू शाहीं है बसेरा कर पहाड़ों की चटानों में
कुछ भी बचा न कहने को हर बात हो गईआओ कहीं शराब पिएँ रात हो गई
ये कहना था उन से मोहब्बत है मुझ कोये कहने में मुझ को ज़माने लगे हैं
करने गए थे उस से तग़ाफ़ुल का हम गिलाकी एक ही निगाह कि बस ख़ाक हो गए
मुझे दोस्त कहने वाले ज़रा दोस्ती निभा देये मुतालबा है हक़ का कोई इल्तिजा नहीं है
दर्द मिन्नत-कश-ए-दवा न हुआमैं न अच्छा हुआ बुरा न हुआ
अब वही करने लगे दीदार से आगे की बातजो कभी कहते थे बस दीदार होना चाहिए
शर्त सलीक़ा है हर इक अम्र मेंऐब भी करने को हुनर चाहिए
एक औरत से वफ़ा करने का ये तोहफ़ा मिलाजाने कितनी औरतों की बद-दुआएँ साथ हैं
पेड़ के काटने वालों को ये मालूम तो थाजिस्म जल जाएँगे जब सर पे न साया होगा
सब कुछ हम उन से कह गए लेकिन ये इत्तिफ़ाक़कहने की थी जो बात वही दिल में रह गई
वक़्त बर्बाद करने वालों कोवक़्त बर्बाद कर के छोड़ेगा
कहने देती नहीं कुछ मुँह से मोहब्बत मेरीलब पे रह जाती है आ आ के शिकायत मेरी
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books