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ग़ज़ल
ऐ इश्क़ ये सब दुनिया वाले बे-कार की बातें करते हैं
पायल के ग़मों का इल्म नहीं झंकार की बातें करते हैं
शकील बदायूनी
ग़ज़ल
मैं दिल की बातों में आ गया और उठा के ले आया उस की पायल
दिमाग़ देता रहा सदाएँ चराग़ रख दे चराग़ रख दे
चराग़ शर्मा
ग़ज़ल
सोच अभी से फिर क्या होगा बीत गई जब रात मिलन की
एक उदासी रह जाएगी पायल की झंकार के पीछे
क़तील शिफ़ाई
ग़ज़ल
ये ऐश-ओ-तरब के मतवाले बे-कार की बातें करते हैं
पायल के ग़मों का इल्म नहीं झंकार की बातें करते हैं
शकील बदायूनी
ग़ज़ल
ये ऐश-ओ-तरब के मतवाले बे-कार की बातें करते हैं
पायल के ग़मों का इल्म नहीं झंकार की बातें करते हैं
शकील बदायूनी
ग़ज़ल
आज ज़रा ललचाई नज़र से उस को बस क्या देख लिया
पग-पग उस के दिल की धड़कन उतरी आए पायल में
जाँ निसार अख़्तर
ग़ज़ल
मिरे पाँव में पायल की वही झंकार ज़िंदा है
मोहब्बत की कहानी में मिरा किरदार ज़िंदा है
इरुम ज़ेहरा
ग़ज़ल
ज़मज़मा साज़ का पायल की छनाके की तरह
बेहतर-अज़-शोरिश-ए-नाक़ूस-ओ-अज़ाँ है साक़ी
असरार-उल-हक़ मजाज़
ग़ज़ल
पहले तू आग़ाज़-ए-सफ़र कर फिर तारों की दूकानों से
बाली बुंदे झुमके पायल ले दूँगा मैं कंगन भी
विजय शर्मा
ग़ज़ल
सच-मुच अपने राँझे को ही घाइल कर के छोड़ दिया
अच्छा-ख़ासा लड़का तू ने पागल कर के छोड़ दिया