आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "भटकना"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "भटकना"
ग़ज़ल
अँधेरों में भटकना है परेशानी में रहना है
मैं जुगनू हूँ मुझे इक शब की वीरानी में रहना है
ख़ुशबीर सिंह शाद
ग़ज़ल
निज़ाम-ए-बज़्म-ए-दुनिया हश्र के मैदाँ का नक़्शा है
यही है शामत-ए-इस्याँ भटकना दर-ब-दर मेरा