आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ایمان"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "ایمان"
ग़ज़ल
मिरी नज़रें भी ऐसे क़ातिलों का जान ओ ईमाँ हैं
निगाहें मिलते ही जो जान और ईमान लेते हैं
फ़िराक़ गोरखपुरी
ग़ज़ल
फ़ना बुलंदशहरी
ग़ज़ल
ये इक़रार-ए-ख़ुदी है दावा-ए-ईमान-ओ-दीं कैसा
तिरा इक़रार जब है ख़ुद से भी इंकार हो जाए
असग़र गोंडवी
ग़ज़ल
ताबिश कानपुरी
ग़ज़ल
यूँ तो हैं सारे बुताँ ग़ारत-गर-ए-ईमाँ-ओ-दीं
एक वो काफ़िर सनम नाम-ए-ख़ुदा क्या चीज़ है
बहादुर शाह ज़फ़र
ग़ज़ल
तेरे घर आएँ तो ईमान को किस पर छोड़ें
हम तो का'बे ही में ऐ दुश्मन-ए-दीं अच्छे हैं