आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ذلیل"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "ذلیل"
ग़ज़ल
इस्माइल मेरठी
ग़ज़ल
बस तो चलता नहीं कुछ कह के उन्हें क्यूँ हों ज़लील
हम तो अपना ही लहू आप पिया करते हैं
अहमद हुसैन माइल
ग़ज़ल
जो सुलूक करते थे और से वही अब हैं कितने ज़लील से
वो हैं तंग चर्ख़ के जौर से रहा तन पे उन के न तार है
बहादुर शाह ज़फ़र
ग़ज़ल
कर ज़रा और भी ऐ जोश-ए-जुनूँ ख़्वार ओ ज़लील
मुझ से ऐसा हो कि नासेह को भी आर आ जाए
मोमिन ख़ाँ मोमिन
ग़ज़ल
उस नक़्श-ए-पा के सज्दे ने क्या क्या किया ज़लील
मैं कूचा-ए-रक़ीब में भी सर के बल गया
मोमिन ख़ाँ मोमिन
ग़ज़ल
हँसो न तुम तो मिरे हाल पर मैं हूँ वो ज़लील
कि जिस की ज़िल्लत-ओ-ख़्वारी से तुम को शान लगी