आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "aazadi ke bad dehli mein urdu tanz o mazah ebooks"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "aazadi ke bad dehli mein urdu tanz o mazah ebooks"
ग़ज़ल
डरूँ क्यूँकर बड़ा है लुत्फ़ दरिया की रवानी में
जिन्हें तूफ़ाँ से लड़ना हो वही रहते हैं पानी में
अनवर शैख़
ग़ज़ल
मैं जो अपने हाल से कट गया तो कई ज़मानों में बट गया
कभी काएनात भी कम पड़ी कभी जिस्म-ओ-जाँ में सिमट गया
हनीफ़ असअदी
ग़ज़ल
कुछ बात ही थी ऐसी कि थामे जिगर गए
हम और जाते बज़्म-ए-अदू में मगर गए
हकीम मोहम्मद अजमल ख़ाँ शैदा
ग़ज़ल
किसी तरह से न बहला फ़िराक़-ए-यार में दिल
ख़िज़ाँ की तरह फ़सुर्दा रहा बहार में दिल
कौकब मुरादाबादी
ग़ज़ल
इलाही ख़ैर हो वो आज क्यूँ कर तन के बैठे हैं
किसी के क़त्ल करने को भभूका बन के बैठे हैं