आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "allah ka ghar ebooks"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "allah ka ghar ebooks"
ग़ज़ल
बन जाएगा अल्लाह का घर ख़ुद ही किसी दिन
फ़िलहाल 'फ़ना' दिल को सनम-ख़ाना कहेंगे
फ़ना निज़ामी कानपुरी
ग़ज़ल
अल्लाह के महबूब की नज़रों में है ए'जाज़
सीने में जो अल्लाह का घर था उसे ताका
मोहम्मद यूसुफ़ रासिख़
ग़ज़ल
दिल में अल्लाह का घर आँखों में हज़रत की जगह
मेरा काबा है यही मेरा मदीना है यही
शाह अकबर दानापुरी
ग़ज़ल
दिल मेरा जलाया क्या अफ़्सोस हज़ार अफ़्सोस
बर्बाद किया ऐ बुत अल्लाह का घर तू ने
फ़ज़ल हुसैन साबिर
ग़ज़ल
वो का'बा-ए-दिल तोड़ते हैं संग-ए-जफ़ा से
बरबाद हुआ जाता है अल्लाह का घर आज
राज्य बहादुर सकसेना औज
ग़ज़ल
मौजूद हर इक जा है वो ऐ नासेह-ए-ना-फ़हम
का'बा ही इक अल्लाह का घर हो नहीं सकता