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ग़ज़ल
कलीम आजिज़
ग़ज़ल
दिल कितना आबाद हुआ जब दीद के घर बरबाद हुए
वो बिछड़ा और ध्यान में उस के सौ मौसम ईजाद हुए
जौन एलिया
ग़ज़ल
नासिर काज़मी
ग़ज़ल
सितारों के पयाम आए बहारों के सलाम आए
हज़ारों नामा-हा-ए-शौक़ अहल-ए-दिल के काम आए
अली सरदार जाफ़री
ग़ज़ल
जिगर मुरादाबादी
ग़ज़ल
जोश मलीहाबादी
ग़ज़ल
मिल मुझ से ऐ परी तुझे क़ुरआन की क़सम
देता हूँ तुझ को तख़्त-ए-सुलैमान की क़सम
इंशा अल्लाह ख़ान इंशा
ग़ज़ल
नहीं चमके ये हँसने में तुम्हारे दाँत अंजुम से
निकल आई तड़प कर बर्क़ आग़ोश-ए-तबस्सुम से
असद अली ख़ान क़लक़
ग़ज़ल
आज भी क़ाफ़िला-ए-इश्क़ रवाँ है कि जो था
वही मील और वही संग-ए-निशाँ है कि जो था