आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "chelaa"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "chelaa"
ग़ज़ल
हमेशा हसरत-ए-दीदार पे दिल ने क़नाअत की
बड़े दर का मुजाविर था बड़े मुर्शिद का चेला था
शाद अज़ीमाबादी
ग़ज़ल
पल में मनुश है राम पुजारी पल में चेला रावन का
पाप और पुन के बीच का धागा देखो कितना कच्चा है
सय्यद आशूर काज़मी
ग़ज़ल
बशीर बद्र
ग़ज़ल
जिस क़दर उस से त'अल्लुक़ था चला जाता है
उस का क्या रंज हो जिस की कभी ख़्वाहिश नहीं की
अहमद फ़राज़
ग़ज़ल
शब बीती चाँद भी डूब चला ज़ंजीर पड़ी दरवाज़े में
क्यूँ देर गए घर आए हो सजनी से करोगे बहाना क्या