आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "chi.daatii"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "chi.daatii"
ग़ज़ल
जब जहाँ में पेट सब का ही है भरती रोटी
मुँह चिढ़ाती रोज़-ओ-शब फिर क्यों मिरा ही रोटी
आदित्य श्रीवास्तव शफ़क़
ग़ज़ल
क़ाफ़िया रूठा हुआ था मुँह चिढ़ाती थी रदीफ़
तुम क्या रूठे रात भर थी रात भर रूठी ग़ज़ल
एजाज़ुलहक़ शहाब
ग़ज़ल
गो हक़ीक़त ख़्वाहिशों पर मुँह चिढ़ाती है मगर
है हक़ीक़त पर तमाचा इक तसव्वुर आप का
दिनेश कुमार द्रौण
ग़ज़ल
कौन सा सपना हुआ सच कौन सी मंज़िल मिली
पूछती हैं और चिढ़ाती हैं मिरी मायूसियाँ