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ग़ज़ल
उसे 'अहद-ए-मोहब्बत से मुकर जाने की जल्दी थी
थमी बारिश तो दरिया को उतर जाने की जल्दी थी
वाजिद हुसैन साहिल
ग़ज़ल
आफ़रीं वक़्त-ए-तसव्वुर आह की तासीर को
करवटें लाखों बदलवाईं तिरी तस्वीर को
मुंशी बनवारी लाल शोला
ग़ज़ल
सदा पाँव में बेड़ी हाथों में ज़ंजीर देखी है
वफ़ादारान-ए-उल्फ़त की यही तक़दीर देखी है
नौशाद मुनीस आज़मी
ग़ज़ल
हक़ीक़त सामने थी और हक़ीक़त से मैं ग़ाफ़िल था
मिरा दिल तेरा जल्वा था तिरा जल्वा मिरा दिल था
शौकत थानवी
ग़ज़ल
याँ उस गली सा कब कोई बुस्ताँ है दूसरा
हाँ कुछ जो है तो रौज़ा-ए-रिज़वाँ है दूसरा
जुरअत क़लंदर बख़्श
ग़ज़ल
जबीन-ए-शौक़ पर कोई हुआ है मेहरबाँ शायद
पए सज्दा बुलाता है किसी का आस्ताँ शायद