aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "gum"
ये क्या अज़ाब है सब अपने आप में गुम हैंज़बाँ मिली है मगर हम-ज़बाँ नहीं मिलता
इतनी मुद्दत बा'द मिले होकिन सोचों में गुम फिरते हो
मैं तो गुम था तेरे ही ध्यान में तिरी आस तेरे गुमान मेंसबा कह गई मिरे कान में मिरे साथ आ उसे भूल जा
यादों की आबाद गली मेंघूम रहा है तन्हा चाँद
क्या जानिए क्यूँ तेज़ हवा सोच में गुम हैख़्वाबीदा परिंदों को दरख़्तों से उड़ा कर
जो इन रोज़ों मिरा ग़म है वो ये हैकि ग़म से बुर्दबारी जा रही है
ये ग़म क्या दिल की 'आदत है नहीं तोकिसी से कुछ शिकायत है नहीं तो
चुप चुप मकान रास्ते गुम-सुम निढाल वक़्तइस शहर के लिए कोई दीवाना चाहिए
फ़िक्र-ए-ईजाद में गुम हूँ मुझे ग़ाफ़िल न समझअपने अंदाज़ पर ईजाद करूँगा तुझ को
यहाँ जो है तनफ़्फ़ुस ही में गुम हैपरिंदे उड़ रहे हैं शाख़-ए-जाँ से
फिर तिरे कूचे को जाता है ख़यालदिल-ए-गुम-गश्ता मगर याद आया
मैं शहर की रौनक़ में गुम हो के बहुत ख़ुश थाइक शाम बचा लेता इक रोज़ तो घर जाता
मेरा दिल-ए-गुम-गश्ता जो ढूँडा नहीं मिलतावो अपना दहन अपनी कमर देख रहे हैं
मेरे अंदर ही तो कहीं गुम हैकिस से पूछूँ तिरा निशाँ जानाँ
सूरज के इर्द-गिर्द भटकने से फ़ाएदादरिया हुआ है गुम तो समुंदर तलाश कर
मिरी गुम-गश्तगी पर हँसने वालोमिरे पीछे ज़माना चल रहा है
कहते हो न देंगे हम दिल अगर पड़ा पायादिल कहाँ कि गुम कीजे हम ने मुद्दआ' पाया
वाइ'ज़ सलाम ले कि चला मय-कदे को मैंफ़िरदौस-ए-गुमशुदा का पता याद आ गया
हर इक क़दम अजल था हर इक गाम ज़िंदगीहम घूम फिर के कूचा-ए-क़ातिल से आए हैं
मेरी निगाह-ए-शौक़ से हर गुल है देवतामैं इश्क़ का ख़ुदा हूँ मुझे याद कीजिए
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