आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "halve"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "halve"
ग़ज़ल
हलवे मांडे सब मीठे थे खा पी कर वो भूल गए
तल्ख़ अनासिर का संगम था रग रग में रह गया नमक
राम प्रकाश राही
ग़ज़ल
तुझ को जब तन्हा कभी पाना तो अज़-राह-ए-लिहाज़
हाल-ए-दिल बातों ही बातों में जताना याद है
हसरत मोहानी
ग़ज़ल
अमीर ख़ुसरो
ग़ज़ल
हाल-ए-दिल मुझ से न पूछो मिरी नज़रें देखो
राज़ दिल के तो निगाहों से अदा होते हैं