आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ismail meeruti hayat aur khidmaat ebooks"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "ismail meeruti hayat aur khidmaat ebooks"
ग़ज़ल
यही आसमाँ मिरा आसरा यही ख़ाक-ए-ख़िलअत-ए-बे-बहा
मिरी जाएदाद-ए-जुनूँ जिसे नहीं बाँटता कोई दूसरा
असअ'द बदायुनी
ग़ज़ल
राज़ ये सब को बताने की ज़रूरत क्या है
दिल समझता है तिरे ज़िक्र में लज़्ज़त क्या है
राज़ इलाहाबादी
ग़ज़ल
फिर वही लम्बी दो-पहरें हैं फिर वही दिल की हालत है
बाहर कितना सन्नाटा है अंदर कितनी वहशत है
ऐतबार साजिद
ग़ज़ल
मिरी ज़ीस्त पर मसर्रत कभी थी न है न होगी
कोई बेहतरी की सूरत कभी थी न है न होगी