aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "kirdaar"
ये मोहब्बत की कहानी नहीं मरती लेकिनलोग किरदार निभाते हुए मर जाते हैं
मैं एक किरदार से बड़ा तंग हूँ क़लमकारमुझे कहानी में डाल ग़ुस्सा निकालना है
झूट बोला है तो क़ाएम भी रहो उस पर 'ज़फ़र'आदमी को साहब-ए-किरदार होना चाहिए
नए किरदार आते जा रहे हैंमगर नाटक पुराना चल रहा है
वो चाँद है तो अक्स भी पानी में आएगाकिरदार ख़ुद उभर के कहानी में आएगा
कुछ भी था सच के तरफ़-दार हुआ करते थेतुम कभी साहब-ए-किरदार हुआ करते थे
रौशनी ऐसी अजब थी रंग-भूमी की 'नसीम'हो गए किरदार मुदग़म कृष्ण भी राधा लगा
ये कोई और ही किरदार है तुम्हारी तरहतुम्हारा ज़िक्र नहीं है मिरी कहानी में
पीर-ए-हरम को देखा है मैं नेकिरदार-ए-बे-सोज़ गुफ़्तार वाही
कौन पहचानेगा 'दानिश' अब तुझे किरदार सेबे-मुरव्वत वक़्त को ताज़ा निशानी चाहिए
हमें गवाह बनाया है वक़्त ने अपनाब-नाम-ए-अज़्मत-ए-किरदार आओ सच बोलें
कहानियों के वो किरदार जो लिखे न गएख़बर से हज़्फ़-शुदा वाक़िआ'त हैं हम लोग
किस एहसास-ए-जुर्म की सब करते हैं तवक़्क़ो'इक किरदार किया था जिस में क़ातिल था मैं
दा'वों की तराज़ू में तो अज़्मत नहीं तुलतीफ़ीते से तो किरदार को नापा नहीं जाता
ऐ ला इलाह के वारिस बाक़ी नहीं है तुझ मेंगुफ़्तार-ए-दिलबराना किरदार-ए-क़ाहिराना
कहानी में नए किरदार शामिल हो गए हैंनहीं मा'लूम अब किस ढब तमाशा ख़त्म होगा
कहानी में जो होता ही नहीं हैकहानी का वही किरदार हूँ मैं
दास्तानों के सभी किरदार कम होने लगेआज काग़ज़ चुनती फिरती है परी बग़दाद की
हम ने किरदार को कपड़ों की तरह पहना हैतुम ने कपड़ों ही को किरदार समझ रक्खा है
ऐसी दफ़अ' न लगा जिस में ज़मानत मिल जाएमेरे किरदार को चुन अपने निशाने के लिए
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