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ग़ज़ल
अब्दुल समद आसी
ग़ज़ल
गुल भी ख़ुश-तलअ'त है पर ऐ माह तू कुछ और है
बास उस में और कुछ है तुझ में बू कुछ और है
मीर शेर अली अफ़्सोस
ग़ज़ल
आँखों में एक ख़ामोशी है लब पर इक हर्फ़-ए-दुआ साईं
उम्मीद का तिनका हाथ लिए देखो दिल डूब रहा साईं
आशुतोष द्विवेदी
ग़ज़ल
तू मिरे हाल से ग़ाफ़िल है पर ऐ ग़फ़लत-केश
तेरे अंदाज़-ए-तग़ाफ़ुल नहीं ग़फ़लत वाले
शेख़ इब्राहीम ज़ौक़
ग़ज़ल
शिकस्त-ए-अहद पर इस के सिवा बहाना भी क्या
कि उस का कोई नहीं था मिरा ठिकाना भी क्या