आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "nigahbaan"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "nigahbaan"
ग़ज़ल
अकबर इलाहाबादी
ग़ज़ल
घर कर गईं दिल में वो मोहब्बत की निगाहें
उन तीरों का ज़ख़्मी हूँ जो पैकाँ नहीं रखते
बेख़ुद देहलवी
ग़ज़ल
सब कुछ तो है क्या ढूँढती रहती हैं निगाहें
क्या बात है मैं वक़्त पे घर क्यूँ नहीं जाता
निदा फ़ाज़ली
ग़ज़ल
आँखों में नमी सी है चुप चुप से वो बैठे हैं
नाज़ुक सी निगाहों में नाज़ुक सा फ़साना है