आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "nikat o ruqat akbar ali khan ebooks"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "nikat o ruqat akbar ali khan ebooks"
ग़ज़ल
ख़त्म किया सबा ने रक़्स गुल पे निसार हो चुकी
जोश-ए-नशात हो चुका सौत-ए-हज़ार हो चुकी
अकबर इलाहाबादी
ग़ज़ल
हर क़दम पर नित-नए साँचे में ढल जाते हैं लोग
देखते ही देखते कितने बदल जाते हैं लोग
हिमायत अली शाएर
ग़ज़ल
फ़रहत एहसास
ग़ज़ल
अकबर इलाहाबादी
ग़ज़ल
ख़िज़र क्या हम तो इस जीने में बाज़ी सब से जीते हैं
दम अब उक्ता गया अल्लाहु-अकबर कब से जीते हैं
शाद अज़ीमाबादी
ग़ज़ल
किसी ने बा-वफ़ा समझा किसी ने बेवफ़ा समझा
मुझे ग़ैरों ने क्या समझा मुझे अपनों ने क्या समझा
डी. राज कँवल
ग़ज़ल
फ़ित्ना-ज़ा फ़िक्र हर इक दिल से निकाल अच्छा है
आए गर हुस्न-ए-ख़याल उस को सँभाल अच्छा है