aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "sarvat"
मैं एक फ़िल्म बनाऊँगा अपने 'सरवत' परऔर इस में रेल की पटरी नहीं बनाऊँगा
तुम सर्वत को पढ़ती होकितनी अच्छी लड़की हो
अच्छा सा कोई सपना देखो और मुझे देखोजागो तो आईना देखो और मुझे देखो
दश्त छोड़ा तो क्या मिला 'सरवत'घर बदलने के ब'अद क्या होगा
इस से बढ़ कर मिरी तहसीन भला क्या होगीपढ़ के ना-ख़ुश हैं मिरा साहब-ए-सरवत लिखना
लब खोले परी-ज़ाद ने आहिस्ता से 'सरवत'जों गुफ़्तुगू करता है सितारे से सितारा
मौत के दरिंदे में इक कशिश तो है 'सरवत'लोग कुछ भी कहते हों ख़ुद-कुशी के बारे में
चूम लीं मेरी उँगलियाँ 'सरवत'उस ने इतनी तो मेहरबानी की
शाम थी और शफ़क़ फूट रही थी 'सरवत'एक रक़्क़ासा की जलती हुई पेशानी से
'सरवत' तुम अपने लोगों से यूँ मिलते होजैसे उन लोगों से मिलना फिर नहीं होगा
किस पर पोशीदा और किस पे अयाँ होना थाकौन हूँ मैं मुझ को इस वक़्त कहाँ होना था
जन्नत-ए-अर्ज़ी बुलाती है तुम्हेंआओ 'सरवत' रास्ता मौजूद है
कितना पुर-शोर है जिस्मों का अँधेरा 'सरवत'गुफ़्तुगू ख़त्म हुई जाती है जौलानी में
साया-ए-अब्र से पूछो 'सरवत'अपने हमराह अगर ले जाए
ले आएगा इक रोज़ गुल ओ बर्ग भी 'सरवत'बाराँ का मुसलसल ख़स-ओ-ख़ाशाक पे होना
बज़्म-ए-सर्वत के ख़ुश-नशीनों सेअज़मत-ए-चश्म-ए-नम की बात करो
उम्र-ए-यक-रोज़ कम नहीं 'सरवत'क्यूँ तलाश-ए-दवाम करने लगा
कभी तेग़-ए-तेज़ सुपुर्द की कभी तोहफ़ा-ए-गुल-ए-तर दियाकिसी शाह-ज़ादी के इश्क़ ने मिरा दिल सितारों से भर दिया
लहर-लहर आवारगियों के साथ रहाबादल था और जल-परियों के साथ रहा
किसी रुत में भी मिरी आस न टूटी 'सरवत'हर नया झोंका ख़लाओं में उड़ाता है मुझे
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
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