आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "suukhaa"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "suukhaa"
ग़ज़ल
रेत भरी है इन आँखों में आँसू से तुम धो लेना
कोई सूखा पेड़ मिले तो उस से लिपट के रो लेना
बशीर बद्र
ग़ज़ल
तंग आया हूँ मैं इस हिज्र-ओ-वस्ल की बूँदा-बाँदी से
या तो सूखा पड़ जाए या ढंग की बारिश हो जाए
अहमद अज़ीम
ग़ज़ल
अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें
जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिलें
अहमद फ़राज़
ग़ज़ल
कभी आँसुओं को सुखा गईं मिरे सोज़-ए-दिल की हरारतें
कभी दिल की नाव डुबो गईं मिरे आँसुओं की रवानियाँ
कलीम आजिज़
ग़ज़ल
किस लिए कतरा के जाता है मुसाफ़िर दम तो ले
आज सूखा पेड़ हूँ कल तेरा साया मैं ही था