आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "कड़वा"
नज़्म के संबंधित परिणाम "कड़वा"
नज़्म
अम्मी मेरा चाँद तो देखो बालू-शाही जैसा है
निकहत बाजी का है कैसा कड़वा और कसीला चाँद
अलीम अख़्तर मुज़फ़्फ़र नगरी
नज़्म
सुना है इन दिनों कुछ और कड़वा हो गया है वो
हैं पत्ते ज़र्द पहले से ज़रा सा झुक गया है वो
डॉ भावना श्रीवास्तव
नज़्म
फूट फूट के रो भी न पाई
सब्र की रोटी चुप का सालन सब ज़ाइक़ों से कड़वा ज़हर गले के अंदर
शाइस्ता हबीब
नज़्म
जीने से मरना आसाँ है लेकिन मजबूर हैं जीने पर
हस्ती का साग़र कड़वा है लेकिन मजबूर हैं पीने पर
अमीर चंद बहार
नज़्म
सत्यपाल आनंद
नज़्म
फूट फूट के रो भी न पाई
सब्र की रोटी चुप का सालन सब ज़ाइक़ों से कड़वा ज़हर गले के अंदर
शाइस्ता हबीब
नज़्म
मुफ़्लिस किसी का लड़का जो ले प्यार से उठा
बाप उस का देखे हाथ का और पाँव का कड़ा