aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "खूटी"
कितनी आँखें तुझे देखते देखते बुझ गईंकितने कुर्ते तिरे हाथ से इस्त्री हो के जलने की ख़्वाहिश में खूँटी से लटके रहे
तुम ने तो नहीं देखी भाईखूँटी पर थी खाल हमारी
खूँटी परहैंगर से उतारी
तमाम दिन का अज़ाबखूँटी पे टाँग कर
अचकन नहीं इस वक़्त अबा और क़बा हैया कोई दो-शाला है जो खूँटी पे टंगा है
मुस्तक़बिल की खूँटी से लटका चुके होलेकिन हमारे पेट इतने शाइराना नहीं
और ये कमरा ये दीवारेंखूँटी से लटकी शलवारें
मैं ने कमरे की खूँटी परतेरा इंतिज़ार टाँग दिया है
कोई खूँटी हो ताक़ हो दर होउन की जागीर में वो आया है
सामने खूँटी से लटका है मिरा गर्म लिबासजिस पे ख़ुद-साख़्ता पाबंदियों का पहरा है
खूँटी से लटका देता हूँदिन भर की कमाई देखने के लिए
गंदी गंदी बातें करता है कानों मेंहर खूँटी मेरी जानिब अंगुश्त-नुमाई करती है
खूँटी पे लटके इक लैम्प कीपीली पीली रौशनी में
पाँच दस के नोटखूँटी पे टंगा ओवरकोट
बिल्ली के पंजों से बचा करतुझ को टाँगूँगा खूँटी पर
मिट्टी की दीवार पे इक खूँटी से लटकीमेरी यादों की ज़म्बील
नए पुराने सारे कपड़ेइक खूँटी पर टँगे हुए थे
वो हिकमत नाज़ था जिस पर ख़िरद-मंदान-ए-मग़रिब कोहवस के पंजा-ए-ख़ूनीं में तेग़-ए-कार-ज़ारी है
गुल ओ नर्गिस ओ सोसन ओ नस्तरनशहीद-ए-अज़ल लाला-ख़ूनीं कफ़न
ज़िंदगी मेरे लिएएक ख़ूनीं भेड़िये से कम नहीं
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books