आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "चश्म-ए-सनम"
नज़्म के संबंधित परिणाम "चश्म-ए-सनम"
नज़्म
हल्क़ा-ए-ज़ुल्फ़-ए-सनम की तीरगी से दूर हूँ
ज़िंदगी के पेच-ओ-ख़म सुलझा रहा हूँ आज-कल
मासूम शर्क़ी
नज़्म
ग़रज़ कि आते ही वक़्त-ए-सहर ख़याल-ए-नमाज़
जबीं थी पा-ए-सनम पर ज़बाँ पे ''या-माबूद!''
जोश मलीहाबादी
नज़्म
ये ज़माना कैसा बदल गया न वो वलवले न वो हौसले
किसी वक़्त थे जो सनम-शिकन वो हैं आज वक़्फ़-ए-सनम-गिरी