आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "धीरे"
नज़्म के संबंधित परिणाम "धीरे"
नज़्म
चल काम में अपने दिल को लगा यूँ कोई मुझे समझाता है
मैं धीरे धीरे दफ़्तर में अपने दिल को ले जाता हूँ
मीराजी
नज़्म
वो धीमे लहजे वाला था और धीरे से हँसता था
जितने भी लोग मिले हम को सच जानो सब से अच्छा था
फ़हमीदा रियाज़
नज़्म
मेरी रूह की ज्वाला मुझ को फूँक रही है धीरे धीरे
मेरी आग भड़क उट्ठी है कोई बुझाओ कोई बुझाओ
अख़्तरुल ईमान
नज़्म
बुझते बुझते बुझ गई है अर्श के हुजरों में आग
धीरे धीरे बिछ रही है मातमी तारों की सफ़