aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "बे-रहम"
दर्द बे-रहम हैजल्लाद है दर्द
सरमा की बे-रहम फ़ज़ा मेंसुर्ख़ लहू ने बहते बहते
मौजों के बे-रहम कचोके सहतामैं सागर की तह तक पहुँचा
हम बे-रहम शायरों सेहम ने तुम्हें इक तमाशा बना दिया
ये बे-रहम चोटों ख़सारों की दुनियाये काग़ज़ के झूटे सहारों की दुनिया
दिल को उस के दुख की घड़ी मेंतन्हा छोड़ दिया
मुझे बे-रहम हस्ती के ज़ियाँ-ख़ाने में क्यूँ भेजा गयाक्यूँ हल्क़ा-ए-ज़ंजीर में रख दी गईं बे-ताबियाँ मेरी
निहायत ही सफ़्फ़ाकसख़्त बे-रहम
कैसा बे-रहम छलावा हैताहम गिला
बे-रहम था चौमुख पथराओये काँच के ढाँचे क्या करते
इस लिएरौशनी की इस अंगुश्त-ए-बे-रहम का
ऐ मिरे बे-रहमअब ठहर जा ज़रा
मगरमेरी बे-रहम मनहूस आँखें
और ये उस की तस्वीरेंबे-रहम रिवाजों की
और बे-रहम हाथउन्हें जम्अ' करते रहते हैं
बे-रहम पहियों के नीचे दम तोड़तालहूलुहान राहगीर
कितनी बे-रहम लगती है ज़िंदगी!जहाँ मौत बरसती है
बे-रहम हक़ीक़त मिलती हैमैं आँख चुराता फिरता हूँ
और सिलवट सिलवट साँसो मेंबे-रहम घने सन्नाटे की
मैं एक कोने में बैठीबे-रहम मौसमों के तुयूर
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