aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "मीना-बाज़ार"
फूल सजाए बुलबुल नेख़ूब रहा मीना-बाज़ार
कभी आवारा कभी ख़ाना-ब-दोशकभी औरत कभी मीना-बाज़ार
सर-ए-बाज़ार दिखाया है कि तू मीना-ब-दोशआइना-ख़ाने में नीलाम की तस्वीर दिखाई दी है
झूट की गर्मी-ए-बाज़ार कहाँ से लाऊँरक़्स-ए-बे-मा'नी की झंकार कहाँ से लाऊँ
जहाँ-ज़ाद नीचे गली में तिरे दर के आगेये मैं सोख़्ता-सर हसन-कूज़ा-गर हूँ!
ऐ हसन-कूज़ा-गरतू ने जाना कि मैं
मैं चराग़-ए-सर-ए-मंज़िल हूँ मुझे जलने देमेरी ख़ातिर तू न कर ऐश-ए-बहाराँ से गुरेज़
ऐ हसन कूज़ा-गरतू ने जाना कि मैं
मुद्दतों बाद मिला नामा-ए-जानाँ लेकिनन कोई दिल की हिकायत न कोई प्यार की बात
आम जो खाए वो ललचाएजो न खाए वो पछताए
ट्विंकल ट्विंकल लिटिल स्टारहाव आई वंडर व्हाट यू आर
शहर हँसा और हँसते हँसते गाँव से बोला सुनो सुनोऊँचे हैं मीनार मिरे
दिसम्बर का महीना और दिल्ली की सर्दीसितारों की झिलमिलाती झुरमुट से परे
आ जा नन्ही चिड़िया आ जाआ कर मुझ को गीत सुना जा
मेहनत से ये माना चूर हैं हमआराम से कोसों दूर हैं हम
जो भी फ़रफ़र सबक़ सुनाएछुट्टी वो फ़ौरन पा जाए
वाइज़अपने चेहरे पे नबातात उगा लूँ तो चलूँ
असनाम-ए-इमारत का परस्तार है आलमसरमाया-ए-ग़फ़लत का ख़रीदार है आलम
इस में क्या शक है तिजारत बादशाही काज हैग़ौर कर के देख लो ताजिर के सर पर ताज है
उस की गली में फिर मुझे इक बार ले चलोमजबूर कर के मुझ को मिरे यार ले चलो
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