आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "लिल्लाह"
नज़्म के संबंधित परिणाम "लिल्लाह"
नज़्म
लिल्लाह हबाब-ए-आब-ए-रवाँ पर नक़्श-ए-बक़ा तहरीर न कर
मायूसी के रमते बादल पर उम्मीद के घर तामीर न कर
अख़्तर शीरानी
नज़्म
छोड़ दे मुतरिब बस अब लिल्लाह पीछा छोड़ दे
काम का ये वक़्त है कुछ काम करने दे मुझे
असरार-उल-हक़ मजाज़
नज़्म
मिरे मुतरिब न दे लिल्लाह मुझ को दावत-ए-नग़्मा
कहीं साज़-ए-ग़ुलामी पर ग़ज़ल भी गाई जाती है
कैफ़ी आज़मी
नज़्म
देखो तो ग़ैर हँसते हैं होश्यार हो ज़रा
लिल्लाह अब तो ख़्वाब से बेदार हो ज़रा
मिर्ज़ा अल्ताफ़ हुसैन आलिम लखनवी
नज़्म
क्यों न उस ग़म पर पढ़ूँ मैं इन्ना लिल्लाह दोस्तो
दर-हक़ीक़त रब का इक इनआ'म रुख़्सत हो गया
शाहीन इक़बाल असर
नज़्म
छोड़ दे लिल्लाह अब ये पीर-बाज़ी छोड़ दे
बुत-शिकन फ़ितरत है तेरी इन बुतों को तोड़ दे
इज़हार मलीहाबादी
नज़्म
दिल से बस होगी यही हर्फ़-ए-विदाअ की सूरत
लिल्लाहिल-हम्द ब-अनजाम-ए-दिल-ए-दिल-ज़दगाँ