आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "KHud-pasand"
नज़्म के संबंधित परिणाम "KHud-pasand"
नज़्म
मशरिक़ी पतलूँ में थी ख़िदमत-गुज़ारी की उमंग
मग़रिबी शक्लों से शान-ए-ख़ुद-पसंदी आश्कार
अकबर इलाहाबादी
नज़्म
इम्तिहाँ में हल न हो जिस दम कोई मुश्किल सवाल
ख़ुद पसंदों को पता चलता है तब उस्ताद का
फ़ैज़ लुधियानवी
नज़्म
वो जिन्हें मुझ से मोहब्बत भी है हमदर्दी भी है
मेरे इल्मी शौक़ को कहते हैं बे-कार-ओ-फ़ुज़ूल
अख़तर बस्तवी
नज़्म
मगर मैं कह नहीं सकता अक़ीदत बाज़ रखती है
तअ'स्सुब ख़ुद-पसंदी बुग़्ज़ से किब्र-ओ-हसद से