आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "arsh-e-mu.azzam"
नज़्म के संबंधित परिणाम "arsh-e-mu.azzam"
नज़्म
ज़ाद बूम-ए-अर्श रिफ़अत-आश्ना तेरी ख़ाक
'जोश' के ख़ुर्शीद-ए-मा'नी की ज़िया से ताबनाक
अर्श मलसियानी
नज़्म
जिस को कहते हैं ज़मीनों का शह-ए-अर्श-निशाँ
मुश्किल अस्नाफ़-ए-सुख़न जिस के लिए थे आसाँ
अर्श मलसियानी
नज़्म
उन की समाअ'त क्या है
अपनी बुझती आँखों से राँझा पर्दा-ए-अर्श के पार ख़ुदा को देख के उस पर
आकाश 'अर्श'
नज़्म
बहिश्त-ओ-ख़ुल्द की अबस तुझे है अर्श जुस्तुजू
मलक-सरिश्त है यहाँ हर एक मर्द-ए-ख़ूब-रू
अर्श मलसियानी
नज़्म
कहिए जिस की क़ुव्वत-ए-तख़ईल को आफ़ाक़-गीर
अर्श-ओ-फ़र्श-ओ-कुर्सी-ओ-लौह-ओ-क़लम जिस में असीर
अमजद नजमी
नज़्म
साकिनान-ए-अर्श-ए-आज़म की तमन्नाओं का ख़ूँ
इस की बर्बादी पे आज आमादा है वो कारसाज़
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
सुब्ह के ज़र्रीं तबस्सुम में अयाँ होती हूँ मैं
रिफ़अत-ए-अर्श-ए-बरीं से पर-फ़िशाँ होती हूँ मैं
अली सरदार जाफ़री
नज़्म
पस्ती-ए-ख़ाक पे कब तक तिरी बे-बाल-ओ-परी
फिर मक़ाम अपना सर-ए-अर्श-ए-बरीं पैदा कर