आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "chand roz aur merii jaan faqat chand hii roz"
नज़्म के संबंधित परिणाम "chand roz aur merii jaan faqat chand hii roz"
नज़्म
दिल की बे-सूद तड़प जिस्म की मायूस पुकार
चंद रोज़ और मिरी जान फ़क़त चंद ही रोज़
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
ज़िंदगी है तो कोई बात नहीं है ऐ दोस्त
ज़िंदगी है तो बदल जाएँगे ये लैल ओ नहार
सूफ़ी ग़ुलाम मुस्ताफ़ा तबस्सुम
नज़्म
इस उम्र-ए-चंद-रोज़ा में की लाख जुस्तुजू
छानी है हम ने ख़ाक ज़माने में कू-ब-कू
मिर्ज़ा अल्ताफ़ हुसैन आलिम लखनवी
नज़्म
लेकिन इस दुनिया में हुस्न-ए-चंद-रोज़ा का मआल
बढ़ रहा है तेरी जानिब ले के पैग़ाम-ए-ज़वाल