aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "chup-chup"
चुप चुप अपने चुप बेगाने नरसिंघे ख़ामोशअपनी रेखा लेख की हानि या करमों का दोष
सूखी धरती पे चुप चुप बरसने लगींनीम की पतियाँ
अहबाब से छुप छुप के भी रोया हूँ मैं अक्सरपर आज भरी बज़्म में
चुप चुपउदास उदास
हँसती शोर मचाती गलियाँ चुप चुप हैंरोज़ चहकने वाली चिड़ियाँ चुप चुप हैं
झरने चुप चुपमैं ने देखा
चुप चुप और हैरान खड़े हैंकौन है मैं
मैं इस पार चुप चुप साफ़ज़ा साकित
उड़ी उड़ी सी रंगत क्यों हैचुप चुप क्यों हैं
पास तुम्हारे न आया क्याचुप चुप बैठी सोच रही हूँ
बे-सदा उदासी मेंबर्ग-ओ-शाख़ भी चुप चुप
कल तुम इतने चुप चुप क्यूँ थेख़ामोशी से यूँ लगता था
और अगर तुम चुप होते होसारा जहाँ चुप चुप लगता है
दहन ख़मोश हैंचुप चुप से हैं सुख़न के चराग़
जंगल के सब चुप चुप रस्तेझाड़ी झाड़ी घूम-घाम के
जब जब बज़्म में आए हो तुमगुम-सुम चुप चुप सर लटकाए
उस के पत्थर जैसे चुप-चुप चेहरे परइक संगीन उदासी नाचती रहती है!
चटख़्ता है मेरी भी रग रग में सूरजबहुत देर से तुम भी चुप चुप खड़ी हो
हवाएँ सहमी हुई थीं चराग़ चुप चुप थेहर एक सम्त वही बे-कराँ सी ख़ामोशी
फिर भी चुप चुप सा रहता हूँ जैसे बहुत अंजान हूँ मैंजाने क्यूँ ऐसा हूँ मैं
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